Uddhav Thackeray vs Eknath Shinde 2024: का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, और राजनीतिक दलों के नेता अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस संदर्भ में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के दशहरा भाषणों ने राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दिया है। शिवाजी पार्क में अपने वार्षिक दशहरा भाषण के दौरान उद्धव ठाकरे ने जहां अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती दी, वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज़ाद मैदान में उनके नेतृत्व पर तीखा प्रहार किया।
उद्धव ठाकरे का भाषण: ‘सच्ची शिवसेना’ का दावा
उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में 2019 में मुख्यमंत्री बनने की यादें ताजा कीं, जब उन्होंने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी सरकार बनाई थी। ठाकरे ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर निशाना साधते हुए उन्हें “नकली” करार दिया और कहा कि असली शिवसेना वही है, जो बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों का पालन करती है।
ठाकरे ने भाजपा पर भी कड़ा प्रहार किया, उन्हें “कौरव” की उपाधि देते हुए आरोप लगाया कि महायुति गठबंधन सत्ता के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का उपयोग कर रहा है। ठाकरे ने वादा किया कि यदि महा विकास आघाड़ी सरकार सत्ता में आती है, तो वे हर जिले में शिवाजी महाराज का मंदिर बनाएंगे।
एकनाथ शिंदे का पलटवार: उद्धव पर ओवैसी से तुलना
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण में उद्धव ठाकरे की तुलना AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी से की, यह आरोप लगाते हुए कि उद्धव मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। शिंदे ने अपने विद्रोह को सही ठहराते हुए कहा कि यदि उन्होंने जून 2022 में विद्रोह नहीं किया होता, तो असली शिवसैनिकों का अपमान होता और महाराष्ट्र कई साल पीछे चला जाता।
शिंदे ने उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाड़ी सरकार पर विकास परियोजनाओं को रोकने और राज्य का कर्ज बढ़ाने का भी आरोप लगाया।
चुनावों से पहले का संघर्ष
दोनों नेताओं के भाषण न केवल उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं, बल्कि आगामी चुनावों में उनके द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीतियों का भी संकेत देते हैं। शिंदे और ठाकरे दोनों अपने-अपने समर्थकों को जुटाने और सत्ता में वापसी की तैयारी में हैं। इन तकरारों से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव आने की संभावना है, खासकर जब शिवसेना के दो गुट और भाजपा-शिवसेना गठबंधन आमने-सामने हैं।
FAQs
1. उद्धव ठाकरे ने अपने दशहरा भाषण में क्या कहा?
उद्धव ठाकरे ने अपने दशहरा भाषण में एकनाथ शिंदे और भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को “नकली” करार दिया और भाजपा पर सत्ता के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का उपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो हर जिले में शिवाजी महाराज का मंदिर बनाया जाएगा।
2. एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण में क्या कहा?
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और उनकी तुलना AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी से की। उन्होंने कहा कि 2022 में उनके विद्रोह ने असली शिवसैनिकों को बचाया और महाराष्ट्र को पीछे जाने से रोका।
3. यह भाषण क्यों महत्वपूर्ण हैं?
दोनों भाषण महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कुछ हफ्ते पहले दिए गए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों नेता चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। यह तकरार राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है, खासकर शिवसेना के विभाजन के बाद।
4. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कब होने वाले हैं?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नवंबर 2024 के अंत से पहले होने की संभावना है।
5. शिवसेना के दो गुट कैसे बने?
शिवसेना के दो गुट तब बने जब जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किया और अपने साथ शिवसेना के कई विधायकों को ले गए। बाद में, उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन करके महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा किया।
6. उद्धव ठाकरे ने भाजपा को “कौरव” क्यों कहा?
उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर सत्ता की भूख का आरोप लगाते हुए उन्हें “कौरव” करार दिया। उनका कहना था कि भाजपा सिर्फ सत्ता के लिए काम कर रही है और उन्हें “भारतीय” कहने पर शर्म आनी चाहिए।